The Water Resources Department, formerly known as the Irrigation Department, is one of
the major establishments of the Government of Bihar. This safeguards the rights of the
states in sharing the waters of the inter-state rivers/basins. Creation of irrigation
potential and utilization of created capacity through construction, maintenance and
regulation of major and medium irrigation schemes, construction and maintenance of
embankments, reconstruction in selected part of river banks, ground levelling and other
necessary flood protection works.
The department aims to provide maximum benefits of various irrigation projects to the
beneficiary societies through administrative control and rigorous monitoring system.
Government of Bihar has launched Har Khet Tak Sinchai ka Paani Yojana, under this
scheme the government has planned to focus on minor irrigation projects and this year
work will be done on 184 minor irrigation projects which will impact close to 22000
hectare area. Target is to make Bihar Atmanirbhar by 2025 under “Saat Nishchay
-II” program of the government and one of the key objective is to make irrigation
water available to every farm.
जल संसाधन विभाग, जिसे पहले सिंचाई विभाग के नाम से जाना जाता था, बिहार सरकार के प्रमुख
प्रतिष्ठानों में से एक है। यह अंतर-राज्य नदियों/बेसिनों के पानी को साझा करने में राज्यों
के अधिकारों की रक्षा करता है। प्रमुख एवं मध्यम सिंचाई योजनाओं के निर्माण, रख-रखाव एवं
नियमन, तटबंधों के निर्माण एवं रख-रखाव, नदी तटों के चयनित भाग में पुनर्निर्माण, भूमि
समतलीकरण एवं अन्य आवश्यक बाढ़ सुरक्षा कार्यों के माध्यम से सिंचाई क्षमता का सृजन एवं
सृजित क्षमता का उपयोग।
विभाग का लक्ष्य प्रशासनिक नियंत्रण और ध्यान केंद्रित निगरानी प्रणाली के माध्यम से
लाभार्थी समाजों को विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं का अधिकतम लाभ प्रदान करना है। बिहार सरकार
ने “हर खेत तक सिंचाई का पानी योजना” शुरू की है, इस योजना के तहत सरकार ने लघु
सिंचाई परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाई है और इस वर्ष 184 लघु सिंचाई
परियोजनाओं पर काम किया जाएगा जो लगभग 22000 हेक्टेयर क्षेत्र को प्रभावित करेगी। सरकार के
"सात निश्चय-II" कार्यक्रम के तहत 2025 तक बिहार को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य है और हर
खेत में सिंचाई का पानी उपलब्ध कराना प्रमुख उद्देश्यों में से एक है ।